ਕਵਿਤਾ : ਬੜਾ ਚਿਰ ਬੈਠੇ ਰਹੀਏ ਹੁਣ ਸੇਕ ਅੱਗੇ

ਬੜਾ ਚਿਰ ਬੈਠੇ ਰਹੀਏ ਹੁਣ ਸੇਕ ਅੱਗੇ। ਸੂਰਜ ਦੀ ਧੁੱਪ ਵੀ ਵਾਹਵਾ ਚੰਗੀ ਲੱਗੇ। ਸੰਘਣੇ ਧੂੰਏ ਵਾਂਗ ਧੁੰਦ ਛਾਈ ਰਹੇ,

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कविता : दशानन पुनर्जन्म

हिंदी में कविता : दशानन पुनर्जन्म महाबली रावण की अस्थियाँ आग में धू-धू जल रही थीं व्योम में चटखें- चटख

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हिंदी में कविता : चींटी नाम हमारा

चींटी नाम हमारा छोटे छोटे प्राणी हैं हम बड़े हैं करते काम, मिलजुल कर रहना सिखाते चींटी हमारा नाम। मंजिल

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कविता : मेरे सपनों का भारत हो सबका प्यारा

मेरे सपनों का भारत हो सबका प्यारा मेरे सपनों का भारत, सबका प्यारा हो हर घर में रोशनी का समय

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कविता : मेरा सपना – मानवता ही धर्म हो अपना

मेरा सपना – मानवता ही धर्म हो अपना जहाँ सांप्रदायिकता व बैर ना होगा जहाँ आडंबर व दिखावा ना होगा

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कविता : कोमल हाथों में थमाओ कलम

कोमल हाथों में थमाओ कलम हाथ में उनको कलम उठाना अच्छा लगता है, उनको भी सुबह – सुबह स्कूल जाना

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बाल गीत : पंखा

तीन पैर का पंखा है । नहीं कहीं भी जाता है । खड़ा वहीं पर रहता है । पर ज़ोर-ज़ोर

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