लघुकथा : बचत का महत्व


‘बचत का महत्व’ विषय पर एक लघु कथा लिखिए

किसी गाँव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। एक वर्ष सूखा पड़ने के कारण फसल न हो पाई थी। अनाज की कमी होने की वजह से वह सदैव चिंतित रहता था। घर में राशन केवल इतना ही था कि वह ग्यारह महीने चल सके। अगली फसल होने तक उसे बाकी एक महीने के राशन की चिंता बार-बार सता रही थी। किसान की पत्नी ने उसे इस तरह परेशान देखकर पूछा, “आप आजकल किसी बात को लेकर चिंतित नज़र आ रहे हैं। क्या बात है?” तब किसान ने अपनी चिंता का कारण अपनी पत्नी को बताया। किसान की बात सुनकर उसकी पत्नी ने उसे आश्वासन देते हुए कहा कि वह किसी बात की चिंता न करें। वह उस एक महीने के लिए भी राशन का इंतजाम कर लेगी।

जब पूरा वर्ष आराम से निकल गया और अगली फसल भी अच्छी हुई तब किसान ने एक दिन अपनी पत्नी से पूछा कि आखिर ऐसा कैसे संभव हुआ?

पत्नी ने कहा- जब से आपने राशन के बारे में बताया तभी से मैं जब भी रसोई के लिए राशन निकालती तो उसी में से दो मुट्ठी अनाज हर बार कोठी में वापस डाल देती। बस उसी की वजह से बारहवें महीने के राशन का इतंजाम भी आराम से हो गया और पूरा वर्ष आराम से गुज़र गया।

सीख – जीवन में बचत की आदत डालनी चाहिए ताकि बचत की गई जमा पूँजी बुरे वक्त में काम आ सके।