लघुकथा : संगति का प्रभाव
संगति का प्रभाव एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। वह अपनी कक्षा में
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Read moreअनोखी सीख विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात शक्ल से अत्यन्त कुरूप थे। एक दिन एकांकी बैठे वह दर्पण हाथ में लिए
Read moreअनसुनी बुराई एक बार स्वामी विवेकानन्द रेल से कहीं जा रहे थे। वह जिस डिब्बे में सफर कर रहे थे,
Read moreघमंडी का सिर नीचा एक दिन पृथ्वी, हवा और वर्षा एक बड़ी चट्टान से बातें कर रहे थे। चट्टान ने
Read moreकर्त्तव्य एक बार स्वामी विवेकानन्द रेल में यात्रा कर रहे थे। वह जिस कोच में बैठे थे, उसी कोच में
Read moreसब दिन होत न एक समाना किसी नगर में एक सेठ रहा करता था। वह बड़ा ही उदार और परोपकारी
Read moreदूसरों का कूड़ा अपने सिर पर क्यों लें… एक आदमी टैक्सी से जा रहा था। ड्राइवर गुनगुनाते हुए सुकून से
Read more‘बुरे कर्मों का फल। ‘ विषय पर एक लघुकथा लिखिए। एक बार एक भैंस और घोड़े में किसी बात पर
Read more‘बचत का महत्व’ विषय पर एक लघु कथा लिखिए किसी गाँव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था।
Read more‘अनुशासन का महत्व’ विषय पर एक लघु कथा लिखिए। मदन पिछले छह महीनों से सेठजी के यहाँ ड्राइवर की नौकरी
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