लघुकथा – एकता में बल है।


‘चतुर किसान’ विषय पर लघु कथा लिखिए।


किसी गाँव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे पर सदा लड़ते-झगड़ते रहते थे। एक दिन किसान बहुत बीमार पड़ गया। उसकी मृत्यु का समय निकट आ गया था। उसने अपने चारों लड़कों को अपने पास बुलाया। तब किसान ने एक लकड़ी का गट्ठर मँगाया और अपने चारों लड़कों को बारी-बारी से उस गट्ठर को तोड़ने के लिए कहा। पर किसी से भी वह गट्ठर न टूटा। फिर किसान ने उस लकड़ी के गट्ठर को खोलने के लिए कहा और लड़कों से बारी-बारी से एक-एक लकड़ी तोड़ने के लिए कहा। सबने आसानी से लकड़ियों को तोड़ दिया।

किसान ने अपने बेटों को समझाते हुए कहा कि जिस प्रकार वे लकड़ी के गट्ठर को नहीं तोड़ पाए; उसी प्रकार उन्हें भी एक साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए ताकि कोई भी उन्हें हानि न पहुँचा सके। यह सुनकर चारों लड़कों की आँखें खुल गईं और वे समझ गए कि आपस में मिल-जुलकर रहने में कितना बल है।

सीख – एकता में बल है।