कैमरे में बंद अपाहिज – सार

कैमरे में बंद अपाहिज – रघुवीर सहाय (कवि) सारांश कविता में कवि ने मीडिया व समाज की संवेदनहीनता पर गहरा

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बगुलों के पंख – सार

बगुलों के पंख – उमाशंकर जोशी सारांश कवि काले बादलों से भरे आकाश में पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों को

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बादल राग – सार

बादल राग – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला जी’ (कवि) सारांश लघुमानव (आम आदमी) के दुःख से त्रस्त कवि बादल का आह्वान

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लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप – सार

लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप – गोस्वामी तुलसीदास जी सारांश कविता रामचरित मानस के लंकाकाण्ड का अंश है। राम-रावण

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कविता : मनुष्यता का सार

मनुष्यता : मैथिलीशरण गुप्त मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘मनुष्यता’ कविता में देश-हित, परोपकार और उदारता को अपनाने की प्रेरणा दी

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कविता – कर चले हम फ़िदा

कर चले हम फ़िदा – सार ‘कर चले हम फिदा’ ‘हकीकत’ फिल्म का कैफ़ी आज़मी द्वारा रचित मशहूर गीत है।

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कविता : पर्वत प्रदेश में पावस

पर्वत प्रदेश में पावस – सुमित्रानंदन पंत कविता का सारांश ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ नामक कविता ‘वारिद’ से संकलित पंत जी

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प्रश्न – मनुष्यता कविता का मूल भाव अपने शब्दों में समझाएं।

उत्तर – श्री सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित ‘मनुष्यता’ कविता में मानवता, एकता, सहानुभूति, सदभाव, उदारता और करुणा आदि के भाव

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