भाव पल्लवन : ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’
‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’ पल्लवन – इस संसार में ‘समय’ सबसे अमूल्य वस्तु है क्योंकि
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Read More‘पर- उपदेश कुशल बहुतेरे’ पल्लवन : हमारे देश में पर-उपदेशकों की कमी नहीं है। किसी भी संकटग्रस्त व्यक्ति की सहायता
Read More‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’ पल्लवन : पराधीन व्यक्ति स्वप्न में भी सुख नहीं पाता क्योंकि वह अस्तित्वहीन है। उसका सुख-दुःख
Read More‘करत-करत’ अभ्यास ते जड़मति होत सुजान’ पल्लवन : मानव जीवन में उन्नति के लिए जहाँ अनेक गुणों की आवश्यकता होती
Read Moreदैव-दैव आलसी पुकारा’ पल्लवन : कुछ आलसी, निकम्मे तथा भाग्यवादी लोग कहा करते हैं – ‘जो कुछ भाग्य में होगा,
Read More‘मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर’ पल्लवन – वाणी मनुष्य के लिए ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार है। मनुष्य
Read More‘भाव पल्लवन’ (Expansion or Amplification) ‘भाव-पल्लवन’ का अर्थ है किसी भाव अथवा विचार को सुगठित रूप से विस्तार देना। यह
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