ਕਵਿਤਾ : ਜੁਰਮਾਨਾ
ਸਭ ਚੀਂ ਚੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਚਿੜੀਆਂ ਦਾ ਸਭ ਕਲ ਕਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨਦੀਆਂ ਦਾ ਸਭ ਸ਼ਾਂ ਸ਼ਾਂ ਕਰਦੇ ਬਿਰਖਾਂ ਦਾ ਆਪਣਾ ਹੀ
Read Moreਸਭ ਚੀਂ ਚੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਚਿੜੀਆਂ ਦਾ ਸਭ ਕਲ ਕਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨਦੀਆਂ ਦਾ ਸਭ ਸ਼ਾਂ ਸ਼ਾਂ ਕਰਦੇ ਬਿਰਖਾਂ ਦਾ ਆਪਣਾ ਹੀ
Read Moreਗੀਤ : ਉ. ਅ. ੲ. ਸ. ਹ. ਬੋਲਣਾ ਕਦੇ ਨਾ ਡੋਲਣਾ ਉ. ਅ. ੲ. ਸ. ਹ. ਬੋਲਣਾ ਕਦੇ ਨਾ ਡੋਲਣਾ
Read Moreआपस में रखें मेल आओ बच्चो खेलें खेल आपस में रखें मेल जाति-पाँति, ऊँच-नीच का मिटा दो हर भेद हममें
Read Moreहिंदी में कविता : दशानन पुनर्जन्म महाबली रावण की अस्थियाँ आग में धू-धू जल रही थीं व्योम में चटखें- चटख
Read Moreएक सुनहली किरण – कीर्ति चौधरी एक सुनहली किरण उसे भी दे दो। भटक रहा जो अँधियाली के वन में,
Read Moreन जाओ शहरों की ओर – श्री गोपाल व्यास गाँव के लोग पलायन कर रहे हैं शहरों की ओर, सूख
Read Moreकिसको नमन करूं मैं : रामधारी सिंह दिनकर तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ मैं। मेरे प्यारे
Read Moreजलाओ दिये – गोपालदास ‘नीरज’ जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। नई ज्योति
Read MorePoem : An apple a day An apple a day Sends the doctor away Apple in the morning Doctor’s warning
Read Moreकंप्यूटर यह मेरा कंप्यूटर प्यारा इसमें ज्ञान भरा है सारा पापा इससे नेट चलाते नई – नई बातें बतलाते माउस,
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