सार लेखन (Precis Writing Hindi)


संसार ने आज तक आध्यात्मिक, मौलिक, वैज्ञानिक क्षेत्रों में जितनी और जिस प्रकार की भी प्रगति की है, वह उच्च विचार और धारणाएँ बनाकर ही की है। धारणाओं और विचारों को उच्च बनाए बिना जीवन संसार के छोटे-बड़े किसी भी तरह के किसी आदर्श को प्राप्त कर पाना कतई संभव नहीं है। श्रेष्ठ एवं उच्च विचार होने पर सहज सामान्य लक्ष्य को तो प्राप्त किया ही जा सकता है। उच्च शिखर का लक्ष्य सामने रखकर चढ़ाई कर देने पर यदि उसे नहीं तो उससे कम ऊँचे शिखर पर तो पहुँचा जा सकता है। अत: उन्नति और सफलता के इच्छुक व्यक्ति को अपनी चेतना को हीन भावों-विचारों से ग्रस्त कभी नहीं होने देना चाहिए।


प्रश्न : (क) उपर्युक्त गद्यांश का एक तिहाई शब्दों में सार लिखिए।

(ख) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।