पठित काव्यांश
पठित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : फल-फूलों से लद्कर जैसे, पेड़ सदा ही झुक जाते
Read moreपठित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : फल-फूलों से लद्कर जैसे, पेड़ सदा ही झुक जाते
Read moreचीजों में कुछ चीजें, बातों में कुछ बातें, वो होंगी जिन्हें कभी देख न पाओगे, इक्कीसवीं सदी में ढूंढते रह
Read moreक्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो। क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल, सबका लिया सहारा। पर नर-व्याघ्र, सुयोधन
Read moreक्यों न उठा लेता निज संचित, कोष भाग्य के बल से ? ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं
Read moreचला आता है संगतकार का स्वर जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान जैसे उसे याद दिलाता
Read moreकौन रोके मन की उड़ान निर्बंध। विवश नहीं वे विकल नहीं हैंघने अंधकार मेंचमकते ज्योति कण हैं।नहीं ज्योति आँखों कीफिर
Read moreऔरों की सुनता मैं मौन रहूँ मधुप गुनगुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी, मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो
Read moreजिस देश में जिए हैं, उसके लिए मरेंगे! क्या प्रिय स्वदेश को हम स्वाधीन कर सकेंगे?फिर मान-शैल शिर पर आसीन
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