काव्याँश : विवश नहीं वे विकल नहीं हैं
विवश नहीं वे विकल नहीं हैं घने अंधकार में चमकते ज्योति कण हैं। नहीं ज्योति आँखों की फिर भी क्या
Read moreविवश नहीं वे विकल नहीं हैं घने अंधकार में चमकते ज्योति कण हैं। नहीं ज्योति आँखों की फिर भी क्या
Read moreनिम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: आज की यह सुबह है बहुत सुखकर, कह रही
Read moreनिम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।
Read moreअपठित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती, लहरों
Read moreपठित काव्यांश को पढ़ कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें : फूल-फूल पर, झूल-झूल पर भौरे गाते हैं गाना।
Read moreनिम्नलिखित पठित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- कुछ काम करो कुछ काम करो।
Read moreनिम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :- रहो न भूलकर कभी मदांध तुच्छ चित्त में, सनाथ
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