भाव पल्लवन : ‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’
‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’ पल्लवन : पराधीन व्यक्ति स्वप्न में भी सुख नहीं पाता क्योंकि वह अस्तित्वहीन है। उसका सुख-दुःख
Read more‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’ पल्लवन : पराधीन व्यक्ति स्वप्न में भी सुख नहीं पाता क्योंकि वह अस्तित्वहीन है। उसका सुख-दुःख
Read more