कविता : दशानन पुनर्जन्म
हिंदी में कविता : दशानन पुनर्जन्म महाबली रावण की अस्थियाँ आग में धू-धू जल रही थीं व्योम में चटखें- चटख
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Read Moreशब्दों की अंत्याक्षरी भाषा कुशलता में अंत्याक्षरी का विशिष्ट स्थान है। इससे मनोरंजन के साथ-साथ शब्द-ज्ञान की भी वृद्धि होती
Read Moreएक सुनहली किरण – कीर्ति चौधरी एक सुनहली किरण उसे भी दे दो। भटक रहा जो अँधियाली के वन में,
Read Moreन जाओ शहरों की ओर – श्री गोपाल व्यास गाँव के लोग पलायन कर रहे हैं शहरों की ओर, सूख
Read Moreहिंदी कविता : गांधी तेरे पथ पर गांधी की क्या बात करूँ, गांधी उदास हैं,वे जूझ रहे तुमसे और बदहवास
Read Moreकिसको नमन करूं मैं : रामधारी सिंह दिनकर तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ मैं। मेरे प्यारे
Read Moreजलाओ दिये – गोपालदास ‘नीरज’ जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। नई ज्योति
Read More“जय श्री महाकाल” भारत मध्ये स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, यजामहे, हे पारब्रह्म परमेश्वर शिव शम्भू, दयामहे। क्षिप्रा तट पे अवन्तिका, उज्जयिनी नगरी,
Read MorePoem : An apple a day An apple a day Sends the doctor away Apple in the morning Doctor’s warning
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