100 शब्दों की कहानी


दुनिया को जिस नजर से देखेंगे, वह वैसी ही दिखेगी


रामदास रामायण लिखकर शिष्यों को सुनाते जाते। हनुमान भी उसे गुप्त रुप से सुनते।

रामदास ने लिखा, “हनुमान अशोक वन में गए, वहां उन्होंने सफेद फूल गए, देखे।’

ये सुनते ही हनुमान प्रकट होकर बोले, ‘मैंने सफेद फूल नहीं देखे थे।’

समर्थ ने कहा, मैंने ठीक लिखा, तुमने सफेद फूल देखे थे।

हनुमान ने कहा, ‘मैं स्वयं वहां गया और मैं ही झूठा!’

झगड़ा रामजी के पास पहुंचा। उन्होंने कहा, फूल तो सफेद ही थे, पर हनुमान की आंखें क्रोध से लाल थीं, इसलिए वे उन्हें लाल दिखे। संसार की ओर देखने की जैसी हमारी दृष्टि होगी, संसार वैसा ही दिखेगा।

विनोबा भावे