सार लेखन (Precis Writing)


प्रत्येक कार्य का एक अपना समय होता है। समय निकल जाने के बाद कार्य की न तो कोई शोभा ही शेष रह जाती है और न ही उसकी उपयोगिता एक बार फसल सूख जाने पर, फिर चाहे कितनी ही वर्षा क्यों न हो, उसे हरी-भरी बनाए रखना कठिन होता है। समय पर रोगी को मामूली उपचार स्वस्थ बना सकता है; किंतु उचित समय गंवा देने के बाद अच्छी से अच्छी औषधि भी निरर्थक ही सिद्ध होती है।

प्रश्न: (क) उपर्युक्त गद्यांश का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए ।

(ख) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।


उत्तर : (क) सार: समय पर कार्य करना कार्य की शोभा और उसकी उपयोगिता को बढ़ाता है। वर्षा की उपयोगिता समय पर बरसने और औषधि की उपयोगिता रोगी को समय पर देने में है; अन्यथा उचित समय निकल जाने पर दोनों ही निरर्थक रहती हैं।

(ख) शीर्षक: समय की उपयोगिता