आज का सुविचार
ईश्वर ने हर किसी को सहज ही अकूत सुख-सुविधाओं का वरदान दिया है।
ज्ञानवत्सल
इंसान अपनी अधिकतम सामर्थ्य जितना इसका उपयोग-आनंद कर सकता है।
इस बिंदु की ओर ध्यान जाए तो स्वतः ही दूसरे के व्यक्तित्व और वैभव की चमक-दमक का कोई प्रभाव आप पर नहीं होगा।
इतना ही नहीं, जीवन की राह में आने वाले अपयश-विफलता के पड़ाव भी आपके आंतरिक आनंद को तनिक भी बाधित नहीं कर सकेंगे।