CBSEClass 9 HindiEducationPunjab School Education Board(PSEB)अपठित गद्यांश (Comprehension in Hindi)

अपठित गद्यांश : दुःख का अधिकार (बुढ़िया खरबूजे बेचने)


बुढ़िया खरबूजे बेचने का साहस करके आई थी, परंतु सिर पर चादर लपेटे, सिर को घुटनों पर टिकाए हुए फफक-फफककर रो रही थी।

कल जिसका बेटा चल बसा, आज वह बाजार में सौदा बेचने चली है, हाय रे पत्थर-दिल !

उस पुत्र-वियोगिनी के दुःख का अंदाजा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुःखी माता की बात सोचने लगा। वह संभ्रांत महिला पुत्र की मृत्यु के बाद अढ़ाई मास तक पलंग से उठ न सकी थी। उन्हें पंद्रह-पंद्रह मिनट बाद पुत्र वियोग से मूर्छा आ जाती थी और मूर्छा न आने की अवस्था में आँखों से आँसू न रुक सकते थे। दो-दो डॉक्टर हरदम सिरहाने बैठे रहते थे। हरदम सिर पर बर्फ़ रखी जाती थी। शहर भर के लोगों के मन उस पुत्र-शोक से द्रवित हो उठे थे।

जब मन को सूझ का रास्ता नहीं मिलता तो बेचैनी से कदम तेज़ हो जाते हैं। उसी हालत में नाक ऊपर उठाए, राह चलतों से ठोकरें खाता मैं चला जा रहा था। सोच रहा था-

शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और…. दुःखी होने का भी एक अधिकार होता है।

प्रश्न (क) बुढ़िया को पत्थर दिल क्यों कहा गया है और वह क्यों रो रही थी?

उत्तर : बुढ़िया की स्थिति से अनजान लोगों ने उसे पत्थर दिल कहा। लोगों को इतना ही पता था कि एक दिन पहले बुढ़िया का जवान बेटा मरा है और अगले दिन वह खरबूजे बेचने आ गई है। उसे लोगों ने ममताहीन माँ समझा, परंतु वे उसकी मजबूरी न समझ सके। बुढ़िया इसलिए रो रही थी क्योंकि उसका जवान बेटा मर गया था।

प्रश्न (ख) संभ्रात महिला के दुःख को दूर करने के लिए कैसे-कैसे प्रयत्न किए गए?

उत्तर : संभ्रांत महिला के दुःख को कम करने के लिए अनेक डॉक्टर बुलाए गए। दो-दो डॉक्टर हमेशा उसके सिरहाने बैठे रहते थे। उसके सिर पर हमेशा बर्फ़ रखी जा रही थी। इस प्रकार उसे प्रयत्न करके सँभाला जा रहा था।

प्रश्न (ग) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।

उत्तर : पाठ : दुःख का अधिकार

लेखक : यशपाल।


बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (क) बढ़िया सिर पर चादर लपेटे सिर को घुटनों पर टिकाए हुए फफक-फफक कर रो रही थी, क्योंकि-

(i) उसके पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पैसे नहीं थे।

(ii) उसका इकलौता जवान बेटा मर गया था।

(iii) बाज़ार में उपस्थित सभी लोग उसे भला-बुरा कह रहे थे।

(iv) वह अपने बेटे की मृत्यु पर दुख नहीं व्यक्त कर पा रही थी।

प्रश्न (ख) लेखक को खरबूजे बेचने वाली बूढ़ी औरत को देखकर किसकी याद आई?

(i) सहूलियत की

(ii) बाज़ार के लोगों की

(iii) राह के ठोकरों की

(iv) पड़ोस की संभ्रांत महिला की

प्रश्न (ग) संभ्रांत महिला के दुख को दूर करने के लिए क्या प्रयत्न किए गए?

(i) डॉक्टरों के द्वारा इलाज किया गया

(ii) तरह-तरह की सुख-सुविधाएँ दी गईं

(iii) पूजा-पाठ की गई

(iv) पुत्र के शोक से दूर रखा गया

प्रश्न (घ) बुढ़िया को पत्थर दिल क्यों कहा गया है?

(i) जीवन में सहूलियत न होने के कारण

(ii) उसके गरीब होने के कारण

(iii) उसकी परिस्थिति का अंदाज़ा न लगा पाने के कारण

(iv) खरबूजे बेचने के कारण