सार लेखन (Precis Writing Hindi)


अविवेक सम्मत प्रेरणा से रावण ने सीता का हरण किया और अपने घर-परिवार, वंश, राज्य सहित अपने भी प्राणों से हाथ धो बैठा। पीछे उसका नाम लेने वाला तक न बचा। अविवेक का दामन थामकर ही कंस ने दुर्गति कराई और अपने ही नन्हे भांजे के हाथों मारा गया। अविवेक व्यक्ति को भीतर ही भीतर डरपोक बना दिया करता है। कौरव दुर्योधन का संगे संबंधियों, इष्ट मित्रों, गुरुजनों और सहायकों के साथ मारा जाना अविवेक के दुष्परिणामों को जताने वाला सजीव प्रमाण है। वास्तव में अविवेक विनाश की जननी है।


प्रश्न: (क) उपर्युक्त गद्यांश का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए।

(ख) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

(ग) अविवेक को विनाश की जननी क्यों कहा गया है?