CBSEEducationLaghukatha (लघुकथा)NCERT class 10thParagraphPunjab School Education Board(PSEB)

लघुकथा : अनूठी संपदा


‘अनूठी संपदा’ विषय पर एक लघुकथा लिखिए।


राजकुमार सिद्धार्थ माता-पिता और महल का त्याग करने के वर्षों बाद महात्मा बुद्ध के रूप में कपिलवस्तु पहुँचे। उनके वहाँ पहुँचते ही यह समाचार फैल गया कि जो राजकुमार कभी सुंदर और सज्जित रथों पर सवार होकर निकला करता था, आज भिक्षा पात्र हाथ में लिए भिक्षा माँगता घूम रहा है। बुद्ध और उनके शिष्यों के दर्शन के लिए नगर के लोग आने लगे। बुद्ध के पिता स्वयं महल से बाहर निकले और पुत्र को गले से लगाया। वह उन्हें आदर सहित महल के अंदर ले गए। महल में उन्हें उच्चासन पर बैठने को कहा गया। बुद्ध ने कहा, मैं आपका पुत्र हूँ। आपके सामने उच्चासन पर कैसे बैठ सकता हूँ?

अचानक बुद्ध ने कहा- महाराज, यह तो आप जानते ही हैं कि प्राचीन प्रथा के अनुसार पुत्र जब बाहर जाता है और कुछ अर्जित कर लौटता है तो उसमें से सबसे बहुमूल्य रत्न अपने पिता के सामने उपस्थित करता है। आज्ञा दें, तो मैं अपना अर्जित कोश आपके चरणों में उपस्थित कर दूं। उन्होंने आगे कहा, जो कोश मैं यहाँ उपस्थित कर रहा हूँ, वह शाश्वत ज्ञान का कोश है। उन्होंने वहाँ सत्य, अहिंसा, सदाचार का उपदेश सुनाया, तो सभी उस अलौकिक धर्मज्ञान-संपदा को पाकर कृतकृत्य हो उठे।

सीख – हमें अपने जीवन में सत्य, अहिंसा, सदाचार आदि जैसे गुण अपनाने चाहिए।