CBSEEducationPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

रचनात्मक लेखन : एक हृदयस्पर्शी घटना


अनुच्छेद लेखन/ रचनात्मक लेखन/ जनसंचार लेखन/ सृजनात्मक लेखन


एक हृदयस्पर्शी घटना


दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद मुझे आगे की पढ़ाई के लिए आगरा आना पड़ा क्योंकि हमारे गाँव में दसवीं तक ही स्कूल था। आगरा आकर मैं छात्रावास में रहने लगी, छात्रावास कैंपस में ही हमारा स्कूल था, अतः हमें बाहर जाने की इजाज़त केवल रविवार को मिलती थी। स्टेशनरी और नित्य प्रति की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक दुकान भी कैंपस में ही थी, इसलिए बाहर जाने की आवश्यकता भी कम ही होती थी। हम बाहर तभी जाते जब हमें कपड़ों की खरीददारी करनी होती या फिर फिल्म देखने का मन होता।

एक बार जब हमारी प्रथम सत्र की परीक्षाएँ समाप्त हुई तो मैंने अपनी सहेली जो मेरे साथ ही कमरे में रहती थी, उसके साथ ‘बॉर्डर’ फ़िल्म देखने जाने का विचार बनाया। उस दिन छात्रावास से काफ़ी लड़कियाँ वही फिल्म देखने जा रही थीं। हम बहुत उत्साहित और खुश थे। बिल्कुल सही समय पर हम दोनों रिक्शे पर सवार होकर फिल्म देखने चल पड़े।

अभी हम थोड़ा ही आगे पहुँचे थे कि हमने देखा एक लड़की एक पेड़ के नीचे लड़खड़ाती-सी खड़ी थी, बहुत लोगों की भीड़ लगी थी किंतु उसमें से एक दो लोग ही लड़की को सँभाल रहे थे। लड़की की आँखें बार-बार बंद हो रही थीं। वह खड़ी होने की कोशिश करती, फिर गिर पड़ती। हमने भी रिक्शे में बैठे ही बैठे वाक्या जानने की कोशिश की तो पता चला कि इस लड़की को मधुमक्खियों ने काट लिया है कुछ अभी भी कपड़ों में अंदर-बाहर चिपकी हुई हैं। पास से देखने पर लड़की की शक्ल कुछ जानी पहचानी लगी। मैं रिक्शे से उतर उसके पास जा पहुँची तब तक मैं शक्ल पूरी तरह से पहचान चुकी थी, वह मुझसे एक क्लास बड़ी कक्षा में पढ़ती थी और हमारे ही छात्रावास में दूसरे ब्लॉक में रहती थी। मैंने सभी को बताया कि मैं उसे जानती हूँ और उसे लोगों की मदद से रिक्शे में बैठाकर हॉस्टल की डिस्पेंसरी में ले आई। वॉर्डन ने तुरन्त डॉक्टर को फ़ोन किया। दवा को रुई में भिगोकर उसके शरीर में चिपकी मधुमक्खियों को हटाया गया लेकिन बहुत सारे ज़हरीले डंक शरीर में घुस चुके थे जिसके कारण वह अब पूरी तरह बेहोश हो चुकी थी।

शाम तक दवा और इंजेक्शन ने असर दिखाया और उसे होश आया, तब तक उसके परिवार के लोग आ चुके थे। वे सभी बार-बार मुझे धन्यवाद दे रहे थे। वॉर्डन और बाकी लोग भी मेरी सराहना कर रहे थे। उस दिन मैं अपने त्वरित निर्णय पर खुश थी। वास्तव में पिक्चर देखने के बदले इस सहायता का आनंद ही कुछ और था।