पद्यांश / काव्यांश


निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


बसो मेरे नैनन में नंदलाल।

मोहन मूरति साँवरि सूरति नैना बने विसाल।

अधर सुधा-रस मुरली राजति उर बैजंती माल।।

छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।

‘मीरा’ के प्रभु संतन सुखदायी, भगत बछल गोपाल।।


(क) नंदलाल कौन हैं? उनकी मूरत और सूरत कैसी है?

(ख) नंदलाल और कौन-कौन से आभूषण पहने हुए हैं?

(ग) मीरा ने अपने प्रभु को कैसा कहा है?