कबीर के दोहे
प्रश्न . कबीर के अनुसार व्यक्ति अपने स्वभाव को निर्मल कैसे रख सकता है?
उत्तर – निंदक अपनी आलोचनाओं से हमें हमारी बुराईयों का ज्ञान कराता है और हम उन्हें दूर कर लेते हैं। बुराईयों के दूर हो जाने से हमारा स्वभाव निर्मल हो जाता है, मन के सारे कलुष मिट जाते हैं।
निंदक बिना साबुन – पानी का प्रयोग किए, अपनी आलोचनाओं से चित्त को निर्मल कर देता है। इसलिए वे निंदक को अपने निकट ही रखने का सुझाव देते हैं।