CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi GrammarNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुशासन का महत्त्व


अनुच्छेद लेखन : अनुशासन का महत्त्व


अनुशासन का अर्थ है – आत्मानुशासन अर्थात् स्वतः प्रेरणा से शासित होना। प्रकृति के समस्त कार्य व्यापार अनुशासन की सूचना देते हैं। निश्चित समय पर सूर्योदय और सूर्यास्त का होना, पृथ्वी की दैनिक और वार्षिक गतियाँ, ऋतु परिवर्तन, ये सब नियमानुसार होते हैं। जब प्रकृति बाढ़, भूकंप आदि के रूप में अपना अनुशासन भंग करती है, तब प्रलय की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। केवल प्रकृति ही नहीं अनुशासन की आवश्यकता प्रत्येक के लिए है। अनुशासनहीनता अराजकता को जन्म देती है और अराजकता देश और जाति को गुलाम बना देती है।

अनुशासन जीवन के विकास और सफलता की कुंजी है। प्रकृति भी एक अनुशासन में बँधी है। समय पर सूर्य उदित व अस्त होता है, एक क्रम से ऋतुएँ आती-जाती हैं, ज्वार-भाटा के बीच भी सागर मर्यादित रहता है, एक निश्चित गति से पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, अनगिनत ग्रह-उपग्रह सौरमंडल में घूमते हैं। यदि एक क्षण के लिए भी यह व्यवस्था शिथिल हो जाए तो सृष्टि में महाप्रलय का दृश्य उपस्थित हो जाए। प्रकृति की यह बात व्यक्ति, समाज और राष्ट्र पर भी लागू होती है। अनुशासनहीन व्यक्ति न तो अपना भला कर सकता है न समाज अथवा राष्ट्र का। समाज के नियमों को मानना सामाजिक अनुशासन है। यदि इसका पालन न किया जाए तो सर्वत्र अराजकता फैल सकती है। युद्ध क्षेत्र में तो अनुशासन का महत्व सबसे बढ़कर है। इतिहास साक्षी है कि सेना की एक अनुशासित टुकड़ी एक बड़ी टुकड़ी पर भारी पड़ जाती है।