कविता : सपने में भी जंग न होने देंगे
अब युद्ध की चिंगारी फिर नहीं जलेगी युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे।सपने में भी जंग न होने
Read moreअब युद्ध की चिंगारी फिर नहीं जलेगी युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे।सपने में भी जंग न होने
Read moreभारत की खातिर जीना है। भारत की खातिर मरना है अब बस यही करना है। खून बहाकर अपना हमें, भारत
Read moreकविता : जग से न्यारा, देश हमारा जय-जय प्यारा, जग से न्यारा शोभित सारा, देश हमारा जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा जग
Read moreकविता : सबका सम्मान, मेरा अरमान सबका सम्मान-मेरा अरमान ये सपना था चाचा नेहरु का हम भारत को आदर्श देश
Read moreतीन पैर का पंखा है । नहीं कहीं भी जाता है । खड़ा वहीं पर रहता है । पर ज़ोर-ज़ोर
Read moreनदी किनारे बैठा मेंढक। टर्र-टर; टर्र-टर करता मेंढक। उछल-उछल कर चलता मेंढक । देख सभी को डरता मेंढक। किसी को
Read moreलंबी गर्दन छोटी पूँछ, रेगिस्तान का देखो ऊँट। लंबी-लंबी टाँगें उठाता, रेत के ऊपर दौड़ता जाता। कई-कई दिन नहीं पानी
Read moreचन्दा मामा दूर के। पुए लाए दूर से। आप खाएँ थाली में । मुन्ने को दे प्याली में । प्याली
Read moreअक्कड़-बक्कड़ बम्बे बो । कान पकड़कर अब मत रो । अस्सी नब्बे पूरे सौ । कर ले अब तू चाहे
Read moreबाल कविता : सपना मुझको निन्दिया आती है। सपने भी दे जाती है। सपने में कोई आती है। सुंदर परी
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