पद्यांश / काव्याँश

जलाओ दिये (दिए) पर रहे ध्यान इतना : गोपालदास ‘नीरज’ निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

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कविता : जलाओ दिये

जलाओ दिये – गोपालदास ‘नीरज’ जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। नई ज्योति

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