प्रश्न. ‘पितृसत्तात्मक-मान्यताओं और छल-छट्टम भरे समाज में अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई ने भक्तिन के जीवन की दिशा पूरी तरह बदल दी।’ भक्तिन पाठ के आधार पर उदाहरण सहित सिद्ध कीजिए।
उत्तर : भक्तिन स्वाभिमानी और संघर्षशील स्त्री है जो पितृसत्तात्मक मान्यताओं और छल-छद्म भरे समाज से अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई लड़ती है। घर गृहस्थी संभालने के लिए बड़ी बेटी और दामाद को बुला लिया लेकिन अचानक उसके दामाद की भी मृत्यु हो जाती है। भक्ति पैसा कमाने के किए गाँव छोड़कर शहर आ जाती है और महादेवी जी की सेविका बनकर रहती है।