संपादकीय पत्र : संपादक को पत्र
‘नवभारत टाइम्स’ या किसी अन्य समाचार-पत्र के संपादक को दयनीय जल-व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करवाते हुए एक पत्र लिखिए।
1342, कश्मीरी गेट
दिल्ली
दिनांक : 28 मार्च, 20XX
प्रधान संपादक महोदय
नवभारत टाइम्स
बहादुरशाह जफर मार्ग
नई दिल्ली – 110002
विषय : दयनीय जल व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करवाना
महोदय
मैं आपके प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय ‘समाचार-पत्र’ के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड एवं दिल्ली प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान नगर की दयनीय जल-व्यवस्था की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। आपसे अनुरोध है कि मेरे इस पत्र को ‘लोकवाणी’-स्तंभ में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
दिल्ली हमारे देश की राजधानी है तथा विश्व के प्रमुख नगरों में गिनी जाती है। आज दिल्ली महानगर की जल-आपूर्ति या जल-व्यवस्था की समस्या अत्यंत शोचनीय है। हालाँकि इसे और भी बदतर बनाने में दिल्ली विद्युत बोर्ड ने भी अपना पूरा योगदान दिया है, परंतु फिर भी कुछ बातें ऐसी हैं, जिनका संबंध जल-व्यवस्था से ही है।
दिल्ली में ‘जल आपूर्ति’ ज़रूरत से बहुत कम है। अधिकांश अनधिकृत बस्तियों तथा क्षेत्रों में लोगों को हैंड पंप आदि का पानी पीना पड़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। दिल्ली जल विभाग द्वारा भी जो पानी नलों के द्वारा भेजा जाता है, उसकी शुद्धता भी संदेहात्मक है। अमीर लोग या तो ‘मिनरल वाटर’ पीकर गुजारा करते हैं या फिर उन्होंने अपने घरों में एक्वागार्ड जैसी मशीनें लगवाई हुई हैं, परंतु मध्यम या निम्नवर्ग के लोगों को ये सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं, अत: उन्हें विवश होकर ऐसा पानी पीना पड़ता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जल की आपूर्ति केवल एक दो घंटे प्रात: और सायं को की जाती है। वह भी बहुमंजिली इमारतों में नहीं चढ़ता। दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए फ्लैट्स में भी ऊपर की मंजिलों में पानी बिलकुल नहीं चढ़ता, जिससे उनमें रहने वालों को पानी की एक-एक बूँद के लिए तरसना पड़ता है। एक ओर तो भीषण गर्मी पड़ती है, दूसरी ओर पानी की तंगी। लगता है अधिकारी वर्ग की कार्य-प्रणाली तथा योजना में कमी है। अधिकारियों को इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
धन्यवाद
भवदीय
रतन विश्वास