13 जनवरी, 1948 का ऐतिहासिक दिन
13 जनवरी, 1948
इस दिन महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए अनशन शुरू किया था। 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्घ के बावजूद सरकार ने पाकिस्तान को विभाजन परिषद द्वारा बनाए गए समझौते के तहत 55 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया था।
इससे गांधी जी नाराज़ थे। जब यह मांग उठने लगी कि सभी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजा जाए, तब मुस्लिम और हिंदू नेताओं ने इस पर असंतोष व्यक्त किया। दोनों के समझौता करने से मना करने पर गांधी जी ने अनशन का ऐलान किया।
अनशन से एक दिन पहले प्रार्थना सभा में गांधी जी का लिखित भाषण पढ़ कर सुनाया गया। गांधी जी के भाषण के कुछ अंश :-
“कोई भी इंसान जो पवित्र है, जान से ज्यादा कीमती चीज़ कुर्बान नहीं कर सकता। मैं आशा करता हूँ कि मुझमें उपवास करने लायक पवित्रता हो। मेरा उपवास तब छूटेगा, जब मुझे यकीन हो जाएगा कि सब क़ौमों के दिल मिल गए हैं। मैं यह उपवास अपना धर्म समझने के लिए कर रहा हूँ।”
साम्प्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष में गांधी जी ने ज़िंदगी के आखिरी 144 दिन दिल्ली में गुज़ारे थे। वहाँ अंतिम उपवास के 17वें दिन उनकी हत्या हो गई थी।