100 शब्दों की कहानी


समाधान दूर नहीं, आपके पास ही है


एक सेठ के पास पैसा खूब था, पर शांति नहीं थी। इसकी खोज में वह साधु के पास पहुंचा।

साधु बोले, जो मैं करूं, देखना। शांति की युक्ति मिल जाएगी। साधु ने उसे धूप में बैठाया खुद कुटिया में चले गए। दूसरे दिन साधु ने उसे कुछ भी खाने नहीं दिया, खुद पकवान खाए। तीसरे दिन सेठ गुस्से मे ये कहकर जाने लगा, ‘मैं उम्मीद में आया था, पर निराशा मिली।’

साधु बोले, पहले दिन जब मैंने तुम्हें धूप में बैठने को कहा और मैं कुटिया में गया तो तुम्हें बताया कि मेरी छाया तुम्हारे काम नहीं आएगी। तुम्हें भूखा रखा, खुद खाया। मतलब मेरी साधना से तुम्हें सिद्धि नहीं मिलेगी। शांति भी तुम्हें अपनी मेहनत से मिलेगी।