मेरा घर
यह मेरा मिट्टी का घर,
नल के नीचे धरती पर।
घास – फूस से इसे सजाया,
दादा जी ने स्वयं बनाया।
दिन जाता सूरज ढलता है,
तब इसमें दीपक जलता है।
कहता मुझ सा ज्योतिर्मय हो,
जिससे सारा जग सुखमय हो।
Solution for NCERT punjabi and hindi (CBSE), history of India, zafarnama, history of Punjab, anuchhed and lekh in hindi and punjabi.
यह मेरा मिट्टी का घर,
नल के नीचे धरती पर।
घास – फूस से इसे सजाया,
दादा जी ने स्वयं बनाया।
दिन जाता सूरज ढलता है,
तब इसमें दीपक जलता है।
कहता मुझ सा ज्योतिर्मय हो,
जिससे सारा जग सुखमय हो।