हरिहर काका – मिथिलेश्वर
प्रश्न – हरिहर काका अनपढ़ थे लेकिन अपने अनुभव और विवेक से दुनिया को बेहतर समझते थे, उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका, अपने अनुभव और विवेक से दुनिया को दुनिया की बेहतर समझ रखते थे।
आरंभ में वे महंत जी की बातों और प्रलोभनों से प्रभावित हुए, शीघ्र ही उन्हें इस बात का अहसास हो गया कि महंत की अपेक्षा उनके भाई – भतीजे बेहतर हैं।
इस प्रकार उनका महंत के प्रति विश्वास कम होने लगा। कालांतर में वे यह भी समझ गए कि दोनों ही उनकी आवभगत जमीन अपने नाम कराने के लिए कर रहे हैं, जैसे ही जमीन अपने नाम लिखवा लेंगे वैसे ही वे उन्हें दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंकेंगे।
वे जमीन – जायदाद के मुद्दे पर जागरूक हो गए थे। वे सीधे – सीधे और भोले किसानों की अपेक्षा चतुर और ज्ञानी की तरह दुनिया को समझ गए थे।
बाद में चतुर व्यक्ति की तरह उन्होंने निर्णय लिया कि वे अकेले रहेंगे, पर जमीन किसी के नाम नहीं करेंगे।