संवाद लेखन : माता-पिता के आदर को लेकर शिक्षक और विद्यार्थी के बीच हुआ संवाद


माता-पिता के आदर को लेकर शिक्षक और विद्यार्थी के बीच हुआ संवाद


माता-पिता के आदर को लेकर शिक्षक और विद्यार्थी के बीच हुआ संवाद ( घर में बालक, अपने माता-पिता के साथ बैठा है। उसका शिक्षक उसे कुछ बातें समझाता है।)

शिक्षक : बबलू, तुम्हें मालूम है कि तुम्हारे माता-पिता तुम्हारे लिए क्या-क्या करते हैं?

बबलू : नहीं, गुरु जी!

शिक्षक : तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए खाना बनाती है, तुम्हारे कपड़े धोती है।

बबलू : हाँ गुरु जी! मेरी माँ मेरे लिए यह सब करती हैं।

शिक्षक : जब तुम बीमार पड़ जाते हो, सारे-सारे दिन, सारी-सारी रात जागकर तुम्हारी देखभाल करती है। तुम्हारे लिए डॉक्टर बुलाती है। औषधि लाती है। तुम्हारे लिए परहेज के खाने तैयार करती है।

बबलू : हाँ, गुरु जी! मैं पिछले दिनों बीमार पड़ गया मेरी माँ ने यह सब कुछ किया।

शिक्षक : तुम्हें मालूम है तुम्हारे माता-पिता तुम्हें कितना लाड़-प्यार करते हैं। तुम्हारे लिए सभी दुख-कष्ट सहने के लिए तैयार रहते हैं। यदि तुम्हारी माताजी या पिताजी तुम्हें किसी बात पर डाँटते हैं………

बबलू : हाँ डाँटते तो हैं, गुरु जी !

शिक्षक : तुम्हें मालूम है, वे तुम्हें डाँटते क्यों हैं? जब तुम कोई गंदी बात करते हो, वे तुम्हें आगे ऐसी बातें न करने के लिए डाँटते हैं। तुम्हें सुधारने के लिए ऐसा करते हैं।