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शब्द ही मनुष्य के मस्तिष्क को पंख देते हैं।


• अज्ञान को खत्म किया जा सकता है, लेकिन मूर्खता हमेशा के लिए होती है। हमेशा बुद्धिमत्ता पर जोर दें।

वृद्धावस्था दूसरे बचपन की तरह निर्दोष हो सकती है।

• सभी नियम-कानून हटा दिए जाएं, तो भी बुद्धिमान व्यक्ति पहले जैसा ही जीवन जीएगा।

• समय बदलता है। कल जो बुरा था, आज उसे शैली मान लिया जाता है। पर पुराने मूल्य कायम रहते हैं।

बुद्धिमानी तो अपने दुश्मन से भी सीखी जा सकती है।

शब्द ही मनुष्य के मस्तिष्क को पंख देते हैं।

इंसान पूरी तरह ईमानदार नहीं हो सकता। लाभ के लोभ से ऊपर कोई नहीं उठ पाया।

इंसान जहां समृद्धि पाता है, वही उसकी मातृभूमि है।

ऊंची सोच है, तो भाषा भी ऊंची ही होनी चाहिए।

आपका आज हमेशा आपके कल से बेहतर होगा।

सुनने से पहले बोलना शुरू नहीं करना चाहिए।

अगर कोई विचार आपको परेशान कर रहा है तो तुरंत ही उससे बाहर निकलने का जतन करें।

अरिस्तोफेन्स