मौखिक अभिव्यक्ति


मौखिक अभिव्यक्ति (Oral Communication)


विश्व में मानव ही ऐसा प्राणी है, जो वाणी रूपी अनूठे अलंकार से अलंकृत है। उसकी वास्तविक पहचान वाणी की शुद्धता से ही हो पाती है। वह अपनी भावनाओं को इन रूपों में प्रकट करने के लिए पूर्णरूप से सक्षम है- मौखिक एवं लिखित। इसके लिए वह भाषा पर आश्रित रहता है। इन दोनों अभिव्यक्तियों के माध्यम से ही वह अपनी भावनाओं को सुगमता से प्रकट कर पाता है। इस अध्याय में मौखिक अभिव्यक्ति संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला जा रहा है ।


मौखिक अभिव्यक्ति के प्रमुख उद्देश्य


1. मौखिक अभिव्यक्ति छात्रों को अपनी भाषा के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त करने की क्षमता प्रदान करती है।

2. इसी के द्वारा प्रत्येक छात्र प्रश्नों के उत्तर सरलता से दे पाता है।

3. इसी के द्वारा प्रत्येक छात्र शुद्ध एवं स्पष्ट उच्चारण करते हुए हर प्रकार के वातावरण में वार्तालाप करना सीख जाता है।

4. प्रत्येक छात्र इसके द्वारा शब्दार्थों को समझकर उनका सही प्रयोग करने में समर्थ हो जाता है।

5. इसके द्वारा प्रत्येक छात्र मार्किट में क्रय-विक्रय, कक्षा में प्रश्नोत्तर, अंत्याक्षरी, एकांकियों, मोनो एक्टिंग और बाल सभाओं में भाषण, प्रसंग तथा संस्मरण आदि में औपचारिक भाषा का सही प्रयोग सरलता से कर पाता है।