मितभाषी बनें।

किसी एक के साथ किया गया अन्याय भी सभी के साथ नाइंसाफी है।

महान बनने के लिए लोगों के साथ खड़े रहें, उनके ऊपर नहीं।

प्रकृति ने हर इंसान को एक जैसा बनाया है, लेकिन वे इस समानता को कायम नहीं रखते।

• दुनिया में सफल होने के लिए हमें सीधा-सरल दिखना, लेकिन बुद्धिमान होना जरूरी है।

धर्म को लेकर लड़ाई इसलिए नहीं होती कि एक से ज्यादा धर्म हैं, बल्कि इसलिए होती है कि हम में सहनशीलता कम है।

• अगर हम खुश होना चाहते तो ये आसान था। लेकिन हम दूसरों से ज्यादा खुश होना चाहते हैं, जो कठिन है। हम उन्हें उतना खुश मान लेते हैं, जितने वे होते नहीं हैं।

• बहुत थोड़ा-सा जानने के लिए भी हमें बहुत ज्यादा पढ़ने की जरूरत होती है।

• ज्ञान मानवता को ज्यादा मानवीय बना देता है, तर्क दयालुता की तरफ झुकता है, लेकिन पक्षपात हर तरह की कोमलता खत्म कर देता है। जो व्यक्ति बहुत ज्यादा सोचते नहीं हैं, वो ही बहुत ज्यादा बोलते हैं। गम्भीर सोचें और मितभाषी बनें।

बैरन डी माॅन्टेस्क्यू