बाल गीत – सपना
बाल कविता : सपना
मुझको निन्दिया आती है।
सपने भी दे जाती है।
सपने में कोई आती है।
सुंदर परी कहलाती है।
जब वह छड़ी घुमाती है।
मिठाई खिलौने बनाती है।
तब गड़बड़ हो जाती है।
जब आकर मम्मी जगाती है।
मुझको निन्दिया आती है।
सपने भी दे जाती है।
सपने में कोई आती है।
सुंदर परी कहलाती है।
जब वह छड़ी घुमाती है।
मिठाई खिलौने बनाती है।
तब गड़बड़ हो जाती है।
जब आकर मम्मी जगाती है।