बहु विकल्पी प्रश्न : ऐसा लाल…. सभै सरै।


अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न


(क) कवि ने निम्न कुल के भक्तों को समभाव स्थान देने वाले प्रभु का गुणगान करते हुए क्या कहा है?

उत्तर : कवि कहते हैं कि हे स्वामी! ऐसी कृपा तुम्हारे अलावा कौन कर सकता है। हे गरीब निवाज! हे स्वामी! तुम ही ऐसे दयालु स्वामी हो, जिसने मुझ अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख दिया अर्थात् तुम्हीं ने मुझे राजाओं जैसा सम्मान प्रदान किया है, जिसे संसार अछूत मानता है। तुमने मुझ पर असीम कृपा की है।

(ख) कवि के अनुसार प्रभु ने किन-किन भक्तों का उद्धार किया है?

उत्तर : कवि कहते हैं कि हे गोविंद! तुमने मुझ जैसे नीच प्राणी को इतना उच्च सम्मान प्रदान किया। ऐसा करते हुए तुम्हें किसी का भय नहीं। तुम्हारी कृपा से ही नामदेव, कबीर जैसे जुलाहे, तिलोचन जैसे सामान्य, सधना जैसे कसाई और सैनु जैसे नाई संसार से तर गए। उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया। कवि के अनुसार हरि सब कुछ करने में सक्षम हैं।

(ग) कवि तथा कविता का नाम लिखिए।

उत्तरकवि-रैदास, कविता-पद



बहुविकल्पीय प्रश्न


(क) कवि की दृष्टि में गरीबों और दीन-दुखियों का रक्षक कौन है?

(i) श्री कृष्ण

(ii) ईश्वर

(iii) देवी-देवता

(iv) अमीर वर्ग

(ख) निम्न कोटि के लोगों को गोबिंद कैसे तारते हैं?

(i) अचल संपत्ति देकर

(ii) भक्त बनाकर

(iii) बिना डरे ऊँच बनाकर

(iv) धन-दौलत देकर

(ग) ‘लाल’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

(i) ईश्वर

(ii) स्वामी

(iii) बेटा

(iv) लाडले के लिए

(घ) कवि ने भगवान को किन-किन नामों से पुकारा है?

(i) गरीब निवाजु

(ii) गुसईआ

(iii) गोबिंदु

(iv) उपर्युक्त सभी

(ङ) प्रस्तुत पद की भाषा है-

(i) ब्रज

(ii) सधुक्कड़ी

(iii) खड़ी बोली

(iv) अवधी