प्रश्न. हरिहर काका को किन यातनाओं का सामना करना पड़ता है?
उत्तर – ‘हरिहर काका’ कहानी के मुख्य पात्र हरिहर सब कुछ होते हुए भी एक यंत्रणापूर्ण जीवन जी रहे थे। उनके पास 15 बीघे जमीन थी। उससे होने वाली आय से एक भरे-पूरे परिवार का गुजारा आराम से हो सकता था परन्तु उत्तराधिकारी के न होने और अकेले होने के कारण उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। उनके भाई, महंत, नेता आदि उन पर अपनी जमीन उनके नाम करने के लिए तरह-तरह की प्रताड़नाएँ देने लगे। भाई उनकी जमीन की उपज का लाभ तो लेते थे परन्तु उनकी पत्नियाँ उनकी आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखती थी।
यदि मैं उस गाँव का निवासी होता तो उनको यंत्रणा से मुक्ति और न्याय दिलाने के लिए उन्हें कानूनी तौर पर ऐसी वसीयत बनाने की सलाह देता जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा होता कि जो उनकी सेवा करेगा वही उनके खेतों से आने वाली आय को रखेगा। इसके अलावा उन्हें अपनी जमीन बटाई पर देकर उसकी आय से स्वयं शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करने की सलाह देता।
अथवा
उत्तर – हरिहर काका के पास 15 बीघे जमीन थी। उससे होने वाली आय से एक भरे-पूरे परिवार का गुजारा आराम से हो सकता था। परंतु अकेले होने के कारण वह दूसरों पर निर्भर हो गए। भाई उनकी जमीन की उपज का लाभ तो लेते थे, परंतु उनकी पत्नियाँ उनकी आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखती थी जिसके कारण उनका जीवन अत्यंत यंत्रणापूर्ण था। उनकी इस यंत्रणा से उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए मैं उनसे कहता कि वह अपनी जमीन बटाई पर दे दें तथा स्वयं उसकी आय से शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करें।