प्रश्न. सूचना-लेखन के विषय में जानकारी प्रदान कीजिए।

उत्तर : कोई भी सूचना या तो मौखिक रूप से दी जाती है या फिर लिखित रूप से। रेडियो, टेलीविजन आदि के माध्यम से मौखिक सूचना दी जाती है। जबकि लिखित रूप से सूचना देने को सूचना-लेखन कहा जाता है। सूचना-लेखन के माध्यम से व्याकरणिक रूप से शुद्ध हिंदी लेखन कला विकसित होती है और अपने विचारों को संक्षिप्त रूप से स्पष्ट अभिव्यक्ति देने की क्षमता का भी आकलन होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कम शब्दों में औपचारिक शैली में लिखी गई संक्षिप्त जानकारी को सूचना कहते हैं अर्थात् दिनांक और स्थान के साथ भविष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों आदि के बारे में दी गई लिखित जानकारी सूचना कहलाती है। किसी सूचना विशेष को सार्वजनिक करना सूचना-लेखन कहलाता है। इसके अन्तर्गत किसी सभा, बैठक, गोष्ठी, कार्यशाला, नामादि परिवर्तन अथवा अन्य विनिमय का विवरण आता है।


सूचना के प्रकार

सूचना दो प्रकार की होती है-

(1) सुखद, (2) दुखद।

(1) सुखद-समारोह, उत्सव, प्रतियोगिता आदि।

(2) दुखद-शोकसभा, श्रद्धांजलि आदि।


सूचना-लेखन के उद्देश्य

> सूचना-लेखन के द्वारा सार्वजनिक रूप से सभी लोगों को एक साथ ही कोई सूचना या जानकारी देना।

> किसी महत्वपूर्ण घटना की पूर्व जानकारी देना।

> स्पष्ट शीर्षक, मुख्य तथ्य विषयवस्तु, उपयोगी सम्पर्क सूत्र के साथ स्पष्ट संप्रेषण क्षमता का होना।

सूचना-लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ बातें

> सूचना – लेखन तीन-चार वाक्यों से अधिक नहीं होना चाहिए।

> सूचना की लिखावट पठनीय होनी चाहिए।

> सूचना तथ्यों से युक्त एवं स्पष्ट होनी चाहिए।

> भ्रमित करने वाले वाक्यों से बचना चाहिए।

> सूचना देने वाले का नाम या स्थान विशेष की जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए।

> सूचना की भाषा सरल, स्पष्ट, प्रभावी व औपचारिक होनी चाहिए।


सूचना-लेखन की विशेषताएँ

(1) इसे अन्य पुरुष में लिखा जाता है।

(2) इसकी भाषा की अपनी अलग विशेषता होती है।

(3) सूचना अपने में पूर्ण होती है।

(4) इसमें गागर में सागर भरने का प्रयास किया जाता है।


सूचना लेखन का उदाहरण

विद्यालय में छुट्टी के उपरांत फुटबॉल खेलना सीखने की विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने हेतु सूचना पट्ट के लिए एक सूचना लिखिए।