CBSEComprehension PassageEducationPunjab School Education Board(PSEB)अपठित गद्यांश (Comprehension in Hindi)

गद्यांश


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


हमारे जीवन की रफ्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं, तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग़ की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग़ का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।

अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल में। असल में दोनों ही काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया ही नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन दिमाग से भूत और भविष्य दोनों ही काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था, और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।


प्रश्न 1. गद्यांश में मानसिक रोगों के बढ़ने का कारण क्या बताया गया है?

प्रश्न 2. जीवन की रफ़्तार बढ़ने का क्या अर्थ है?

प्रश्न 3. ‘दोनों ही काल मिथ्या हैं।’ इसका क्या तात्पर्य है?

प्रश्न 4. दिमाग पर स्पीड का इंजन क्यों लगाया जाता है?

प्रश्न 5. अनंतकाल के विस्तृत होने का क्या कारण था?