काले मेघा पानी दे – सार
काले मेघा पानी दे – धर्मवीर भारती
पाठ में वर्षा के सम्बन्ध में लोकप्रचलित विश्वास और विज्ञान
सारांश
आषाढ़ के महीने में जब एक सप्ताह तक वर्षा न हुई तो किशोरावस्था वाले लड़कों की इन्दर सेना वर्षा के देवता इन्द्र को प्रसन्न करने के लिए घर-घर पानी माँगती हैं। पानी की कमी के बावजूद महिलाएँ सहेज कर रखे पानी को उनके ऊपर डाल देती हैं। लेखक को यह पानी की बर्बादी लगता है। लेखक आर्य समाजी व कुमार सुधार सभा का उपमन्त्री था। वह समाज में फैले इन अन्धविश्वासों को जड़ से उखाड़ना चाहता था। दूसरी ओर लेखक के माँ की उम्र की औरत, जिसे लेखक जीजी कहता है, वह इसे त्याग कहती है। त्याग करने व दान देने से ही उसका फल मिलता है।