CBSE 12 Sample paperClass 12(xii) Hindi

कवितावली – सार


कवितावली – गोस्वामी तुलसीदास जी


सारांश


इसमें तुलसीदास जी ने तत्कालीन समाज की सामाजिक, आर्थिक विसंगतियों का वर्णन किया है। लोगों की दशा बहुत खराब थी। पेट की आग बुझाने के लिए उन्हें बच्चे भी बेचने पड़ते थे। उनका मानना था कि श्रीराम नाम के स्मरण से ही सासांरिक कष्टों से छुटकारा पाना सम्भव है। वह स्वयं को श्रीराम का सेवक मानते थे।