प्रश्न. ‘बाज़ार दर्शन’ पाठ के आधार पर लिखिए कि बाज़ार की कृतार्थता किसमें है? इसे कृतार्थता कैसे लोग प्रदान करते हैं?
उत्तर : बाज़ार की असली कृतार्थता आवश्यकता के समय काम आना है। मन खाली रखने का मतलब मन बन्द नहीं करना है अर्थात् मन बाज़ार की चीज़ों से प्रभावित होता रहता है। परमात्मा सभी जगह विद्यमान है और इसी को ही शून्य होने का अधिकार है। मनुष्य अपूर्ण है क्योंकि उसके भीतर तृष्णा का समावेश है।