आत्मसात करने लायक बातें
लगातार लड़ते रहना ही जीवन जीना है। किंतु कई बार हम इतना संघर्ष कर नहीं पाते। त्रस्त हो जाते हैं। टूट जाते हैं। छोड़ देते हैं।
- कोई सहारा, कोई साथ न ढूंढिए – अकेले ही लड़ना है।
- आरोप लगेंगे ही, लड़ते रहिए।
- एक विवाद ख़त्म होने पर यह मत मानिए कि सब ठीक हो गया।
- जान लीजिए कि ज़िंदगी के बड़े हिस्से किसी के प्रभाव में ही गुज़र जाते हैं।
- जो अपने नहीं हैं – उन्हें जितना अपना लो, नहीं ही रहेंगे।
- एक – एक पल लड़ाई है। जो साथ दे रहे हैं – वे भी अपनी ही लड़ाई लड़ रहे हैं। सम्भवतः उनका और हमारा युद्धक्षेत्र एक ही है।
कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ असम्भव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है, ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल – स्वामी विवेकानंद