CBSEComprehension PassageEducationPunjab School Education Board(PSEB)ਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾ (Comprehension Passage)

अपठित गद्यांश : बिजली


अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


मैं हूँ बिजली आज के युग की पहचान। आज का युग सच मानें तो मेरा ही युग है। अगर तुम गिनने बैठो कि तुम्हारे जीवन में काम आनेवाली चीजों में कौन-कौन सी चीजें हैं जो बिजली से चलती हैं, तो गिनते गिनते परेशान हो जाओगे। तब भी सूची पूरी नहीं होगी। यहाँ तक कि बड़े-बड़े बैंक, फैक्टरियाँ सब मेरी ओर इस तरह ललचाई नजरों से देखते हैं, जैसे मैं ही इनकी भाग्य-विधाता हूँ। मैं हूँ तो सब ठीक-ठाक और मेरे जाते ही सब कुछ उलट-पुलट हो जाता है और केवल धरती की बात ही क्यों की जाए? आदमी का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी पूरी तरह से मुझ पर ही निर्भर है। मैं नहीं, तो बड़े-बड़े सुपर कंप्यूटर कहाँ से चलेंगे? मैं ताकत की जादूगर हूँ। मुझमें अच्छे गुण भी हैं, बुरे भी, लेकिन अच्छे गुण ज्यादा है। अगर कोई संभलकर मेरा इस्तेमाल करे, तो वह मेरी प्रशंसा करते नहीं थकेगा।


प्रश्न 1. आज के युग की क्या पहचान है?

प्रश्न 2. बिजली की तरफ ललचाई नजरों से कौन-कौन देखते हैं?

प्रश्न 3. कैसा व्यक्ति बिजली की प्रशंसा करते नहीं थकेगा?