परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।
छात्रावास
मुंबई विश्वविद्यालय
मुंबई
दिनांक : 15 मार्च, 20XX
प्रिय नितिन
आशीर्वाद
कैसे हो? उम्मीद करता हूँ तुम अपना पूरा ध्यान रख रहे हो। समय बहुत तेजी से बदल रहा है। ऐसे में माहौल भी बदलता है। अच्छे और बुरे की समझ रखते हुए हमें आगे बढ़ना है इस बात का ख्याल अवश्य होना चाहिए।
कल पूज्य पिताजी द्वारा भेजा हुआ पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकर बहुत दुख हुआ कि तुम परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े गए हो। तुम्हारे इस निकृष्ट कर्म के कारण तुम्हें तो अपमानित होना ही पड़ा, साथ ही पिताजी को भी अपमान का घूंट पीना पड़ा। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सफलता प्राप्त करने के लिए तुम ऐसा गलत कार्य भी कर सकते हो। यह सब तुम्हारे उन गलत मित्रों का ही प्रभाव है, जिनके साथ तुम सालभर यहाँ से वहाँ घूमते रहे हो। तुम्हारे द्वारा किए इस गलत कार्य का फल केवल तुम अकेले ही नहीं भोगोगे, बल्कि इसे तो पूरे परिवार को भोगना होगा। तुमने परिवार के सम्मान को ठेस पहुँचाई है।
भाई! अभी भी समय हाथ से नहीं निकला है। अब इस घटना से तुम्हें शिक्षा लेनी चाहिए। अपने उन मित्रों का साथ छोड़ पढ़ाई में इस प्रकार जुट जाना चाहिए कि नकल करने का ख्याल तक तुम्हारे मन में न आए। इस वर्ष तो तुम अपने स्कूल में परीक्षा दे रहे हो, अगले वर्ष जब बोर्ड की परीक्षा दोगे और यही कुकृत्य करते पकड़े जाओगे तो पूरे तीन साल के लिए परीक्षा भवन से निकाल दिए जाओगे और वह दिन शायद हम सभी के लिए मरने के समान होगा। सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आए, तो उसे भूला नहीं कहते। मेरा विश्वास है कि तुम्हें मेरे इस पत्र से नई दिशा मिलेगी। निश्चित ही अब तुम अपनी पढ़ाई में जुट जाओगे। पूज्य माताजी और पिताजी को चरण स्पर्श।
तुम्हारा भाई
अनिल