प्रश्न. एटीएम पिन 6 अंक की जगह 4 अंक के क्यों किए गए?
उत्तर : दुनिया में एटीएम मशीन की खोज करने वाले स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जॉन एड्रियन शेफर्ड बैरन थे। जॉन ने एटीएम मशीन का आविष्कार साल 1969 में किया था। आज भले ही दुनिया डिजिटल पेमेंट की ओर अग्रसर हो रही हो, लेकिन एटीएम का इस्तेमाल उस समय भी जोर-शोर से होता है।
हालांकि, जब एटीएम की शुरुआत हुई थी, तब इसमें 6 अंकों का पिन कोड होता था। स्विट्जरलैंड में आज भी 6 अंक के एटीएम पिन होते हैं।
दरअसल, जॉन शेफर्ड को एटीएम मशीन बनाने का आइडिया चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर आया, जिसमें पैसे डालने पर मशीन से चॉकलेट निकाली जा सकती थी।
जॉन जब एटीएम मशीन बनाकर इसमें कोडिंग सिस्टम लगा रहे थे, तो जॉन शुरू में इसे 6 अंकों का करना चाहते थे। ऐसे में जब उन्होंने अपनी पत्नी कैरोलिन को एटीएम प्रयोग करने के लिए कहा तो कैरोलिन बार-बार 2 अंक भूल जाती थीं और उन्हें हमेशा 4 अंक ही याद रहते थे। ऐसे में जॉन ने सोचा कि इंसानों का दिमाग 6 अंक की बजाय 4 अंक बेहतर तरीके से याद रख पाता है। इसीलिए 6 अंक की एटीएम रखने के बजाय जॉन ने 4 अंक की पिन रखना ही उचित समझा।