CBSEComprehension PassageEducationअपठित गद्यांश (Comprehension in Hindi)

अपठित गद्यांश


निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए-


रात्रि की विभीषिका को सिर्फ़ पहलवान की ढोलक ही ललकारकर चुनौती देती रहती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक, चाहे जिस ख्याल में ढोलक बजाता हो, किंतु गाँव के अर्धमृत, औषधि-उपचार-पथ्य-विहीन प्राणियों में वह संजीवनी शक्ति ही भरती थी। बूढ़े- बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता था। स्पंदन-शक्ति-शून्य स्नायुओं में भी बिजली-सी दौड़ जाती थी। अवश्य ही ढोलक की आवाज़ में न तो बुखार हटाने का कोई गुण था और न महामारी की सर्वनाश शक्ति को रोकने की शक्ति थी, पर इसमें संदेह नहीं कि मरते हुए प्राणियों को आँख मूँदते समय कोई तकलीफ नहीं होती थी, मृत्यु से वे डरते नहीं थे।


प्रश्न. गद्यांश में रात्रि की विभीषिका का क्या कारण था?

(क) महामारी

(ख) निर्धनता

(ग) कुत्तों का रुदन

(घ) शीत ऋतु

प्रश्न. बूढ़े बच्चों जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे किसका दृश्य नाचने लगता?

(क) मेले का

(ख) विवाह समारोह का

(घ) दंगल का ।

(ग) पकवानों का

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।

(क) रात्रि की विभीषिका को सियारों का क्रंदन चुनौती देता है।

(ख) रात्रि की विभीषिका को मंदिर के घंटे चुनौती देते हैं।

(ग) रात्रि की विभीषिका को पहलवान की ढोलक चुनौती देती है।

(घ) रात्रि की विभीषिका को बादलों की गर्जना चुनौती देती है।

प्रश्न. गद्यांश के लेखक कौन हैं?

(क) जैनेंद्र कुमार

(ख) फणीश्वर नाथ ‘रेणु’

(ग) हजारी प्रसाद

(घ) धर्मवीर भारती