अनौपचारिक पत्र : माता जी को पत्र


अपनी छात्रावास की दिनचर्या बताते हुए माता जी को पत्र।


परीक्षा भवन

नई दिल्ली-110064

दिनांक : 16 मई 2018

पूज्य माता जी

सादर चरण स्पर्श !

मुझे आज ही आपका पत्र प्राप्त हुआ। मेरे लिए यह खुशी की बात है कि आप मेरा स्वास्थ्य जानने के साथ-साथ मेरे छात्रावास की दिनचर्या के विषय में भी जानकारी चाहती हैं। अतः मैं आपको अपने छात्रावास की दिनचर्या इस पत्र में दे रहा हूँ।

हम प्रातः 5.30 बजे उठते हैं। 6 बजे हम प्रातः भ्रमण हेतु निकल जाते हैं। इन सब कार्यों में लगभग एक घंटा बीत जाता है। इसके बाद 7 से 7.30 बजे के बीच स्नान करते हैं। 8 बजे नाश्ते की घंटी बजती है। 8.30 बजे तैयार होकर विद्यालय पहुँचना होता है। 2.30 बजे तक विद्यालय में रहता हूँ। शाम 5.30 बजे से 6.00 बजे तक का समय खेलों के लिए निश्चित है। रात्रि भोज के पश्चात दो घंटे पढ़ाई करता हूँ। रात्रि में 10.30 बजे तक सब छात्रों को सो जाना पड़ता है। इस प्रकार हमारी दिनचर्या नियमबद्ध ढंग से एवं सुचारु रूप से चलती रहती है। छात्रावास के अध्यक्ष हमारी हर सुविधा का पूरा ध्यान रखते हैं। मैं दशहरा के अवकाश में घर आऊँगा।

पिता जी को सादर प्रणाम और नमन को प्यार।

आपका प्रिय पुत्र

क०ख०ग०