समाचार पत्र के संपादक को पत्र
चौराहों पर भीख माँगते बच्चों को देखकर आपको कैसा लगता है? इस समस्या के समाधान के लिए अपने विचार एक पत्र द्वारा किसी समाचार पत्र के संपादक को लिखिए।
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक हिन्दुस्तान,
नई दिल्ली।
दिनांक 30 अक्टूबर 20…..
विषय – भिक्षावृत्ति के संबंध में।
महोदय,
आपके प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से नगर में बढ़ती भिक्षावृत्ति की ओर ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ। आपसे अनुरोध है कि आप मेरे पत्र को ‘जनवार्ता’ शीर्षक स्तंभ में प्रकाशित कर अनुगृहीत करें।
चौराहों पर भीख माँगते बच्चों की दयनीय अवस्था देखकर मुझे बहुत ही दुःख हुआ। भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि समाज पर कलंक भी है। कानून की नज़र में यह एक अपराध है, परंतु आज भिक्षा माँगने वालों की बढ़ती संख्या को देखकर आश्चर्य होता है।
यह भी सुना गया है कि कुछ अपराधिक तत्व बच्चों का अपहरण करके उन्हें भीख माँगने पर विवश करते हैं। भिक्षावृत्ति के कारण विदेशों में हमारी छवि को बहुत आघात पहुँचता है, क्योंकि विदेशी पर्यटक इन भीख माँगने वालों के फोटो खींचकर ले जाते हैं और अपने देश में दिखाते हैं। मेरा सरकार एवं प्रशासन से आग्रह है कि भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक एवं कठोर कदम उठाएँ।
धन्यवाद।
भवदीय,
अ. ब. स.
‘मानस गंगोत्री भवन’
राजेन्द्र नगर, नई दिल्ली-110025