संकल्प की शक्ति
एक बार स्कूल में आग लगने से एक छोटा बच्चा हादसे में गम्भीर रूप से घायल हो गया। उसके शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह से जल गया।
हॉस्पिटल में लगभग बेहोशी की हालत में उस लड़के ने डॉक्टर को माँ से कहते हुए सुना – आपके बेटे के शरीर का निचला हिस्सा इतना जल चुका है कि इसका जिंदा रहना मुश्किल है।
लेकिन वह बहादुर लड़का मरना नहीं चाहता था। उसने जिंदा रहने की ठान ली। बाद में डॉक्टर को हैरानी हुई कि वह बच गया।
इस बार डॉक्टर ने बताया – वह बच्चा ताउम्र अपाहिज रहेगा, क्योंकि उसके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं कर रहा था।
लड़के ने फिर संकल्प लिया कि वह अपाहिज नहीं रहेगा। वह चलकर दिखाएगा।
हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद उसकी माँ हर रोज, उसके पैरों की मालिश करती। वह या तो बिस्तर पर होता या तो व्हीलचेयर पर ।
एक दिन धूप में व्हीलचेयर पर बैठे हुए उसने अपने आप को नीचे गिरा लिया। रेंगते हुए वह घास तक पहुंचा और पैरों को घसीटता रहा।
रोज के संघर्ष, नियमित मालिश, लग्न और दृढ़ संकल्प की बदौलत उसमें खड़े होने की शक्ति आ गई। एक दिन वह लड़का दौड़ने लगा और कॉलेज की एथलेटिक्स टीम में शामिल हो गया।
जिस लड़के के जिंदा रहने की उम्मीद नहीं थी और जो चल नहीं सकता था, वह दौड़ने लगा …..
बाद में डॉ ग्लेन कनिंघम नाम के इसी संकल्पवान लड़के ने मेडिसन स्क्वायर गार्डन में एक मील की दौड़ का विश्व रिकॉर्ड बनाया।